सदर एसडीओ ने व्यापक पैमाने पर सरकारी राजस्व को पहुंचाया है नुकसान और डीएम उन्हें दे रहे हैं संरक्षण : अभय कुमार गुड्डू
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सरकार के संपत्ति के रक्षा के लिए समाजसेवी ने बिहार सरकार के मंत्री -सह- खगड़िया जिला प्रभारी मंत्री को दिया आवेदन
ख़बर बिहार IN | खगड़िया
सरकार के संपत्ति के रक्षा के लिए समाजसेवी अभय कुमार गुड्डू ने आज शनिवार को बिहार सरकार के मंत्री -सह- खगड़िया जिला प्रभारी मंत्री को आवेदन देकर सरकारी राजस्व को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की की शिकायत करते हुए सदर एसडीओ अमित अनुराग को जिम्मेदार ठहराया साथ ही डीएम अमित कुमार पांडे पर एसडीओ को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। दिए गए आवेदन में उन्होंने बताया है कि अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर खगड़िया के 1034 एकड़ भू संपदा के प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष एवं खगड़िया के ऐतिहासिक गौशाला मेला कमिटी के अध्यक्ष सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया हैं। उन्होंने दोनों हीं सरकारी संस्था के अध्यक्ष होने का नाजायज फायदा उठाते हुए करोड़ों रुपए जो सरकारी खजाने में जाता उसे अवैध तरीके से स्वयं के खजाने में भरकर सरकार को व्यापक पैमाने पर राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय रहीमपुर खगड़िया जो कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा की अंगीभूत इकाई है। उक्त महाविद्यालय के पास 1034 एकड़ भू-संपदा है। वर्षों से महाविद्यालय के अधिकांश जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा बरकरार है। बीते 7-8 वर्षों से जिले के बुद्धिजीवी, राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता पत्रकार बंधु एवं अन्य लोगों के प्रयास से महाविद्यालय के भू-प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सदर एसडीओ अमित अनुराग की अध्यक्षता में वर्ष 2023 के मार्च और मई में आयोजित भू प्रबंधन समिति की बैठक में महाविद्यालय के 1034 एकड़ जमीन की पैमाईश करवा कर सीमांकन कर खुली डाक के माध्यम से पारदर्शी तरीके से बंदोबस्ती करने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के बाद जिलेवासियों को लगा कि अब महाविद्यालय का उद्धार होगा। परंतु अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया के गलत नीयत के वजह से पुनः सरकार को मिलने वाली करोड़ों का राजस्व का नुकसान हुआ और अनुमंडल पदाधिकारी ने करोड़ों का अवैध उगाही किया।
जमीन पर कब्जा जमाये लोगों से अवैध उगाही कर पुनः जमीन को उन्हीं के कब्जे में छोड़ दिए एसडीओ
गुड्डू ने बताया है कि खुली डाक से बंदोबस्ती करने का ढ़ोल पीट कर अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया ने अवैध रूप से महाविद्यालय के जमीन पर कब्जा जमाये लोगों से अवैध उगाही कर पुनः जमीन को उन्हीं के कब्जे में छोड़ दिए। लगभग 200 एकड़ जमीन जिसका राजस्व महाविद्यालय को हर वर्ष मिलता था, उस जमीन को मात्र 5000/- रुपए प्रति बीघा में मनचाहा लोगों को बंदोबस्ती किया, जिसके एवज में अनुमंडल पदाधिकारी ने उन लोगों से 25000/- रुपए प्रति बीघा अवैध उगाही किया है। जिससे व्यापक पैमाने पर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा है।
खुली डाक से 43 लाख और अवैध वसूली कर मात्र 30 लाख में गौशाला मेला की कर दी गई बंदोबस्ती
गुड्डू ने बताया कि ठीक इसी प्रकार गौशाला कमेटी खगड़िया के पदेन अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी खगड़िया ने गौशाला मेला की बंदोबस्ती में भी व्यापक पैमाने पर घोटाला किया गया। वर्ष 2022 में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. आलोक रंजन घोष के आदेश पर गौशाला मेला की बंदोबस्ती एसडीओ द्वारा खुली डाक के माध्यम से कराया गया तो 43 लाख रुपया में गौशाला मेला की बंदोबस्ती हुआ था। इसमें एसडीओ के लूट खसोट नीति धरा का धरा रह गया था। वहीं वर्ष 2023 में एसडीओ ने चुपचाप बगैर सूचना प्रकाशन किये मनचाहा लोगों से लाखों रुपया अवैध वसूली कर मात्र 30 लाख रुपया में गौशाला मेला की बंदोबस्ती कर दिया। इससे सरकार को लगभग 20 से 25 लाख रुपए का नुकसान हुआ। यदि खुली डाक के माध्यम से बंदोबस्त किया जाता तो 50 से 60 लाख रुपए सरकार को राजस्व मिल सकता था। जबकि वर्ष 2022 में 43 लाख रुपए में डाक लेने वाले व्यक्ति लगातार एसडीओ और जिलाधिकारी को आवेदन देकर खुली डाक के माध्यम से बंदोबस्ती करने का आग्रह किया था। इसके बाद भी गौशाला मेला के बंदोबस्ती हेतु खुली डाक नहीं कराया गया। गौशाला मेला समाप्ति के बाद जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी खगड़िया से जांच करवाया गया। जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष राशि वसूलने में परेशानी हुई थी, इसलिए 13 लाख रुपया कम में गौशाला मेला की बंदोबस्ती की गई। यह कथन एक अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा कहा जाना उसके पद को भी कलंकित करता है। जबकि सच्चाई यह है कि 2022 में जिस व्यक्ति ने 43 लाख रुपए में डाक लिया था, वह समय पर 43 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया था। गौशाला कमेटी द्वारा उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दिया गया है।
एसडीओ को प्राप्त रहता है डीएम का संरक्षण
गुड्डू ने कहा कि सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उपरोक्त घोटाला में एसडीओ को डीएम का संरक्षण प्राप्त रहता है। इसी वजह से हमलोग एसडीओ के गलत कारनामे एवं सरकार के राजस्व का हो रहे नुकसान से डीएम को अवगत कराते रहें, लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार के साकारात्मक पहल सरकार को हो रहे राजस्व नुकसान को रोकने के लिए नहीं किया गया। इतना हीं नहीं उक्त घोटाले के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग पटना बिहार ने संज्ञान लिया और मार्च 2024 में डीएम से जांच प्रतिवेदन का मांग किया, ताकि उचित कार्रवाई कर सके। उक्त आदेश के बावजूद भी डीएम ने आज तक जांच प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग पटना को नहीं भेजा है। इससे साफ-साफ स्पष्ट है कि एसडीओ के भ्रष्टाचार को डीएम का संरक्षण प्राप्त है। डीएम द्वारा वरीय अधिकारी के जांच को लंबित रख कर कर्तव्यहीनता का परिचय लगातार दिया जा रहा है। जो सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति के लिए घातक है। उन्होंने मंत्री से उक्त मामले की जांच प्रमंडलीय आयुक्त मुंगेर अथवा राज स्तरीय जांच टीम गठित कर करवाया कर, दोषी अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई और सरकार को नुकसान हुए राजस्व की वसूली करने की मांग की है।
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