खगड़िया में ई-रिक्शा चालकों ने अवैध वसूली के खिलाफ उठाई आवाज, आंदोलन की चेतावनी
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आरोप : नगर परिषद और रेल प्रशासन पर अवैध वसूली का आरोप, सुविधाओं की मांग पूरी न होने पर आंदोलन की तैयारी
केबीआई|खगड़िया
खगड़िया के कोशी कॉलेज मैदान में बुधवार को ई-रिक्शा संघ खगड़िया के बैनर तले एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अधिवक्ता रौशन कुमार ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य खगड़िया नगर परिषद क्षेत्र में नगर परिषद और रेल प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा चालकों से की जा रही अवैध वसूली का विरोध करना था। इस बैठक में ई-रिक्शा संघ के विशेष निमंत्रण पर पूर्व नगर सभापति और राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव भी उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा चालकों का आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है, जो अत्यंत निंदनीय है। यादव ने कहा कि ई-रिक्शा चालक अपनी दैनिक कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा अवैध वसूली में देने पर मजबूर हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि यह वसूली बंद नहीं हुई तो एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
ई-रिक्शा चालकों की शिकायतें और मांगें:
ई-रिक्शा संघ के नेतृत्वकर्ता अधिवक्ता रौशन कुमार ने बताया कि नगर परिषद खगड़िया और रेल प्रशासन के तहत लगभग 10 जगहों पर ई-रिक्शा चालकों से अवैध वसूली की जा रही है। वहीं, चालकों को मूलभूत सुविधाएं जैसे शुद्ध पेयजल, शौचालय, चार्जिंग पॉइंट, और ठहराव की जगह तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। रौशन कुमार ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को जल्द नहीं माना, तो संघ “सुविधा नहीं तो टैक्स नहीं” नामक आंदोलन छेड़ेगा।
चालकों की स्थिति और संघर्ष:
रिक्शा चालक अजीत कुमार, राजा कुमार, दीपक कुमार, मिथुन कुमार और लक्ष्मण कुमार ने बताया कि उन्हें न केवल आर्थिक शोषण बल्कि मानसिक प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ता है। पुलिस और दबंग तत्वों द्वारा उन्हें पीटा जाता है, गाली-गलौज की जाती है और धमकाया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अवैध वसूली से उन्हें मुक्ति नहीं मिली तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के लिए मजबूर होंगे।
उपस्थित लोग और भविष्य की योजना:
बैठक में सैकड़ों ई-रिक्शा चालक शामिल हुए। इनमें दीपक कुमार, फुलेंद्र यादव, मुरारी यादव, जय जय राम यादव, गोरेलाल सिंह, सचिन कुमार, राजेंद्र पंडित, राणा झा, प्रकाश सिंह, संतोष पासवान, प्रीतम सहनी, और अन्य प्रमुख लोगों ने भाग लिया। यह बैठक ई-रिक्शा चालकों की एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक बन गई। संघ ने प्रशासन को एक अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन बड़े स्तर पर होगा।
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